कैसे विश्व में डी हयूस ने पशु पोषण की दुनिया को प्रभावित किया है।
03 July 2018
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पशुओं की उत्पादकता का महत्वपूर्ण निर्धारक तत्व पोषण या आहार होता है, जिसकी महत्ता को समझते हुए डी हयूस ने विश्व में पशु पोषण की दुनिया को प्रभावित करते हुए पशुओं के लिए पौष्टिक व शुद्ध आहार बनाने का काम कर रहा है।
'डी हयूस' पशु आहार (खाद्य) उद्योग के क्षेत्र में प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय कंपनी है,जिसकी शुरूआत नीदरलैंड में साल 1911 में हुई थी। वर्षों की कड़ी मेहनत, परिश्रम व किसानों के अटूट विश्वास की बदौलत क्षेत्रीय स्तर पर शुरू हुई कंपनी आज 70 से अधिक देशों में व्यापार कर रही है। निःस्वार्थ भावना से विभिन्न पशुओं के लिए पौष्टिक व शुद्ध आहार बनाने की वजह से डी हयूस आज पशु पोषण के क्षेत्र में दुनिया की टॉप-15 कंपनियों में शामिल है।
ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को भरपूर पोषण नहीं देते है, जिसकी वजह से पशुओं के शारीरिक विकास में बाधा आती है। गाय व भैंस से दूध व मुर्गी से अंडा प्राप्त करने के लिए उन्हें भरपूर पोषण खिलाया जाना अत्यन्त आवश्यक है। खेती बाड़ी के साथ-साथ किसान पशुपालन से अपनी आय को बढ़ाने का प्रयास करता है। पशुओं को खिलाने के लिए किसान बाजार से पशु आहार खरीदता है, जो उसे काफी महंगा पड़ता है। इसी क्रम में भारत में वर्ष 2017 में कंपनी ने अपनी उत्पादन इकाई शुरू की है जहाँ देश के किसानों को पशुओं के आहार संबंधी उत्पादों को कम कीमत में उपलब्ध कराने के साथ पशुपालन संबंधी आवश्यक सलाह भी दी जाती है। डी हयूस ने कम समय में अपने अधिक गुणवत्तायुक्त उत्पादों के साथ पशु पोषण की दुनिया में अपनी पहचान स्थापित की है। पशु पोषण के क्षेत्र में तकनीकी शोध, अनुभवी कर्मचारियों एवं वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं के प्रयोग से पशुओं के लिए आहार तैयार किया जाता है।
हमने हमेशा से ही ग्राहकों (किसान) को प्राथमिकता दी है। प्रमुखतः डेयरी किसान के अलावा मुर्गीपालन, मछली, सूअर, भेड़, बकरियां व खरगोश जैसे अन्य पशुओं के लिए भी पौष्टिक आहार व चारा निर्मित किया जाता है। हमने हमेशा से विश्व भर के पशुपालकों को पशु आहार पर विशेष ध्यान देने को प्रेरित किया है। हम पशुओं के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करते हुए पशु आहार उपलब्ध करवाने से अधिक भूमिका निभाने में विश्वास रखते हैं। किसानों की आहार संबंधित प्रत्येक समस्या का त्वरित समाधान करते हुए डी हयूस ने पशु पोषण की दुनिया को इस कदर प्रभावित किया है कि किसानों का भरोसा हम पर निरंतर बढ़ता जा रहा है। साथ ही पशु पोषण से जुड़ी कंपनियां हमारे साथ तकनीकी ज्ञान व आवश्यक सलाह लेने और व्यापार करने के लिए सदैव तत्पर रहती है ।